Waqf Amendment Bill 2025: क्या है नया कानून और क्यों मचा है बवाल?

Waqf Amendment Bill 2025 भारत सरकार द्वारा लाया गया एक संशोधन बिल है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समान प्रतिनिधित्व को मजबूत बनाना कहा जा रहा है। मोदी सरकार का कहना हैं यह बिल मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने, ज़मीन से जुड़े विवादों को सुलझाने और ज़रूरतमंद लोगों को मदद देने के इरादे से तैयार किया गया है।

सरकार का कहना हैं, भारत में वक्फ की संपत्तियां काफी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, लेकिन इनका सही उपयोग नहीं हो पाता। वक्फ बोर्डों में भ्रष्टाचार, पारदर्शिता की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण इन संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे में इस संशोधन बिल को एक सकारात्मक और नकारत्मक  बदलाव के रूप में देखा जा रहा है,

इस बिल के तहत IT सिस्टम को भी अपडेट किया गया है ताकि वक्फ प्रॉपर्टीज का रजिस्ट्रेशन, रिकॉर्ड और निगरानी डिजिटल तरीके से की जा सके। इससे न सिर्फ ट्रैकिंग आसान होगी, बल्कि कोई भी संपत्ति अगर ग़लत तरीके से इस्तेमाल हो रही है, तो उसकी जानकारी तुरंत सामने आ सकेगी। लेकिन इस नियम में कई चीज़े ऐसी हैं जिससे मुस्लिम community सहमत नही हैं इस बिल के आने से अगर किसी Waqf सम्पति के दस्तावेज नही होगे तो वो सरकारी सम्पति के अंदर आ जाएगी!

वक्फ Waqf क्या होता है?

वक्फ एक पारंपरिक इस्लामी प्रथा है जिसमें कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक या समाजसेवी कार्यों के लिए समर्पित करता है। वक्फ की गई संपत्ति को खुद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, बल्कि उसका उपयोग समाज के लाभ के लिए किया जाता है। अक्सर वक्फ संपत्तियों का उपयोग मस्जिद बनाने, स्कूल या अस्पताल चलाने या किसी और जनसेवा से जुड़े कार्यों में किया जाता है।

जब कोई संपत्ति वक्फ घोषित की जाती है, तो वह स्थायी रूप से धार्मिक कार्य के लिए समर्पित हो जाती है। उस संपत्ति पर न तो किसी का व्यक्तिगत हक़ रहता है और न ही उसे बेचा या बांटा जा सकता है। यह माना जाता है कि वक्फ संपत्ति अल्लाह की होती है और उसका उपयोग उसी की राह में होना चाहिए।

वक्फ की विशेषताएं

वक्फ संपत्ति की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि उसे एक बार वक्फ घोषित करने के बाद बेचा या किसी को उपहार स्वरूप नहीं दिया जा सकता। वह संपत्ति स्थायी रूप से एक नेक काम के लिए ही सुरक्षित रहती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई ज़मीन या बिल्डिंग वक्फ की गई है, तो उसे आगे चलकर केवल धार्मिक, शैक्षिक या सामाजिक उपयोग के लिए ही रखा जा सकता है।

इसका मुख्य उद्देश्य समाज के गरीब, ज़रूरतमंद और वंचित वर्गों की सहायता करना होता है। वक्फ संपत्तियों से मिलने वाली आमदनी का भी उपयोग सामाजिक कार्यों में किया जाता है। यह एक तरह से इस्लामी व्यवस्था में सामाजिक न्याय और सेवा का माध्यम है।

Waqf Amendment Bill 2025 की ज़रूरत क्यों पड़ी?

भारत में पहले से ही वक्फ से जुड़े कानून मौजूद हैं, लेकिन सरकार का कहना हैं की  बीते कुछ सालों में यह देखा गया है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में कई खामियां हैं। अक्सर लोगों ने यह शिकायत की कि वक्फ बोर्ड के कुछ सदस्य अपने पद का गलत उपयोग कर रहे हैं, पारदर्शिता की कमी है, संपत्तियों का सही हिसाब नहीं रखा जा रहा और गरीबों तक इसका लाभ नहीं पहुंच रहा। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए यह नया संशोधन विधेयक लाया गया।

सरकार ने यह महसूस किया कि अब समय आ गया है कि वक्फ व्यवस्था को डिजिटल और व्यवस्थित बनाया जाए, ताकि हर एक संपत्ति की निगरानी हो सके

सरकार और संसद से पास होने के बाद क्या बदलेगा?

राज्यसभा ने Waqf Amendment Bill 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2025 को चर्चा के बाद पास कर दिया है। यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन की नींव रखी गई है। इस बिल के पास होने से वक्फ की सभी सम्पति सरकार के अंदर आ जाएगी और मुस्लिमों का कण्ट्रोल रद करदिया जायेगा

Waqf Amendment Bill 2025 एक ऐसा कानून है जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने का दावा करता है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर मुस्लिम समुदाय में असंतोष भी देखा जा रहा है। सरकार इसे सुधार की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, वहीं कुछ लोग इसे अपनी धार्मिक और सामाजिक संपत्ति पर नियंत्रण कम करने की कोशिश मान रहे हैं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि इस कानून को लागू करते समय सरकार सभी पक्षों की बात सुने और संतुलन बनाए, ताकि यह कानून किसी के अधिकारों को नुकसान पहुँचाए बिना समाज की भलाई में योगदान दे सके।

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