Wall Street Crash: अमेरिकी शेयर बाजार में भूचाल, 17 दिनों में 5.5 ट्रिलियन डॉलर डूबे

Wall Street Crash: दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट इन दिनों बुरी तरह हिल चुका है। भारत के शेयर बाजार की हालत पहले से ही खराब थी, लेकिन अब अमेरिकी बाजार में भी जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ और ट्रेड वॉर नीतियों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। महज 17 ट्रेडिंग सेशन में ही S&P 500 से 5.5 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू स्वाहा हो चुकी है।

शेयर बाजार में लगातार गिरावट से निवेशकों का भरोसा कमजोर हो गया है। जो अमेरिकी बाजार पिछले साल तक तेजी के रिकॉर्ड तोड़ रहा था, अब वह लगातार लाल निशान में जा रहा है। निवेशक समझ नहीं पा रहे कि अब बाजार में कब स्थिरता आएगी।

ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी और ट्रेड वॉर ने बढ़ाई परेशानी

बीते हफ्ते डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय संघ और फ्रांस से आने वाले शैंपेन, शराब और अन्य प्रोडक्ट्स पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। यह फैसला यूरोपीय संघ द्वारा अमेरिकी व्हिस्की पर 50% टैरिफ लगाने के जवाब में आया।

ट्रम्प ने अपने बयानों में यह भी कहा कि उनकी नीतियों से कुछ समय के लिए कठिनाई हो सकती है, लेकिन अमेरिका की अर्थव्यवस्था को इससे फायदा होगा। हालांकि, इन बयानों के बाद बाजार में अस्थिरता और डर बढ़ गया।

नतीजा ये हुआ कि S&P 500 पांच में से चार दिन गिरावट में रहा और करेक्शन जोन में चला गया। इन घटनाओं ने बाजार को 1990 के दशक के बड़े क्रैश की याद दिला दी, जब अमेरिका मंदी के दौर में चला गया था

Wall Street Crash के कारण छह महीने की कमाई, 17 दिनों में खत्म

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 19 फरवरी से 13 मार्च 2025 तक वॉल स्ट्रीट पर जबरदस्त बिकवाली देखी गई। महज 17 ट्रेडिंग सेशंस में 5.5 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट कैप मिट गई।

  • इस गिरावट ने छह महीने की कमाई को एक झटके में मिटा दिया।
  • S&P 500 अब सितंबर 2024 के लेवल पर लौट आया है।
  • शुक्रवार को बाजार में कुछ रिकवरी दिखी, लेकिन S&P 500 अब भी अपने पीक से 8.20% नीचे ट्रेड कर रहा है।

बाजार में इस अनिश्चितता के कारण निवेशकों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है

टेक स्टॉक्स बने सबसे बड़े विलेन

Wall Street Crash

अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। इसका सबसे बड़ा कारण टेक्नोलॉजी स्टॉक्स थे। लेकिन अब वही कंपनियां बाजार की कमजोरी बन गई हैं।

Apple, Nvidia, और Microsoft जैसी दिग्गज कंपनियों की वैल्यू तेजी से गिर रही है।

इसके पीछे एक बड़ा कारण चीनी AI स्टार्टअप DeepSeek है। यह कंपनी अमेरिकी कंपनियों को टक्कर देते हुए सस्ता और बेहतर AI मॉडल लॉन्च कर चुकी है, जिससे Nvidia और अन्य टेक कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।

अगर टेक स्टॉक्स में गिरावट जारी रही, तो अमेरिकी बाजार 2020 के कोरोना क्रैश जैसा हाल देख सकता है।

व्हाइट हाउस बनाम वॉल स्ट्रीट

निवेशकों ने व्हाइट हाउस की नीतियों से नाराज होकर भारी बिकवाली की, लेकिन ट्रम्प प्रशासन को इसकी ज्यादा चिंता नहीं है।

ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने बयान दिया कि शेयर बाजार का उतार-चढ़ाव हमें परेशान नहीं करता क्योंकि सरकार अमेरिकी अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेड वॉर में यूरोपीय देशों को ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था अमेरिका पर ज्यादा निर्भर है।

ट्रम्प का कहना है कि उनकी टैरिफ पॉलिसी अमेरिकी उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी है, जो वैश्वीकरण के कारण सिकुड़ गए हैं।

निवेशकों का भरोसा डगमगाया

निवेशकों का भरोसा बुरी तरह हिल चुका है। American Association of Individual Investors (AAII) के सर्वे के मुताबिक:

  • Bearish Sentiment (बाजार गिरने का डर) 59.2% तक पहुंच गया है, जो 31% के ऐतिहासिक औसत से काफी ज्यादा है।
  • Bullish Sentiment (बाजार बढ़ने की उम्मीद) सिर्फ 19.1% पर आ गया है, जो 37.5% के ऐतिहासिक औसत से काफी कम है।

यह आंकड़े बताते हैं कि निवेशक बाजार में पैसा लगाने से डर रहे हैं और वे अभी सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।

अमेरिकी बाजार की हालत और बिगड़ सकती है?

मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर व्हाइट हाउस ने जल्द सख्त कदम नहीं उठाए, तो अमेरिकी बाजार की गिरावट और गहरी हो सकती है।

अगर S&P 500 मौजूदा सपोर्ट लेवल तोड़ता है, तो बाजार में और 5-10% की गिरावट संभव है। ऐसे में निवेशकों को अभी सतर्क रहने की जरूरत है

अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अगर ट्रम्प प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वॉल स्ट्रीट को 2020 के क्रैश से भी ज्यादा बड़ा नुकसान हो सकता है।

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