American Stock Market Down: अमेरिकी शेयर बाजार में भूचाल! जानिए क्यों गिरे बड़े शेयर और भारत पर क्या पड़ेगा असर?

American Stock Market Down: अमेरिकी शेयर बाजार में सोमवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। टैरिफ विवाद, सरकारी नीतियों की अनिश्चितता और शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन ने बाजार को नीचे धकेल दिया। टेक कंपनियों को भी तगड़ा झटका लगा, जिससे निवेशकों के खरबों डॉलर डूब गए। अब सवाल ये है कि बाजार में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई? कौन-कौन से बड़े शेयर टूटे? और इसका भारतीय बाजार पर क्या असर होगा? आइए, जानते हैं सबकुछ।

American stock market Down, निवेशकों को तगड़ा नुकसान

सोमवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 890 अंक (2.1%) गिरकर 41,912 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 187 अंक (2.7%) की गिरावट आई और यह 5,615 पर बंद हुआ, जो इस साल का सबसे खराब कारोबारी दिन रहा। वहीं, नैस्डैक कंपोजिट में 728 अंकों (4%) की गिरावट दर्ज की गई। पिछले हफ्ते से ही बाजार में कमजोरी देखी जा रही थी, लेकिन इस दिन आई गिरावट ने निवेशकों के होश उड़ा दिए। टेक्नोलॉजी सेक्टर को सबसे ज्यादा झटका लगा, जिससे बड़े निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी असर पड़ा।

बाजार में गिरावट के कारण क्या हैं?

शेयर बाजार में इस तेज गिरावट के पीछे कई कारण हैं। पहला बड़ा कारण अमेरिका और यूरोप के बीच बढ़ता व्यापार युद्ध है। हाल ही में अमेरिका ने कुछ यूरोपीय देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है। इससे पहले भी अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद देखने को मिला था, जिसने बाजार को झटका दिया था।

दूसरा कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की बढ़ती आशंका है। निवेशकों को लग रहा है कि मौजूदा ब्याज दरों और सरकार की नीतियों के कारण अमेरिकी बाजार में मंदी का दौर शुरू हो सकता है। कई विश्लेषकों का कहना है कि बाजार अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका था और गिरावट लगभग तय थी। जब निवेशकों को यह एहसास हुआ कि कुछ शेयर जरूरत से ज्यादा महंगे हो चुके हैं, तो उन्होंने मुनाफावसूली शुरू कर दी।

तीसरा बड़ा कारण कंपनियों की कमजोर तिमाही रिपोर्ट्स हैं। कई बड़ी टेक कंपनियों ने उम्मीद से कम मुनाफा दर्ज किया, जिससे उनके शेयरों में गिरावट आई। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर चल रही आर्थिक सुस्ती ने भी बाजार पर दबाव बनाया।

किन शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ?

American Stock Market Down

इस गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान टेक कंपनियों को हुआ। Tesla के शेयरों में एक ही दिन में 15% की गिरावट देखने को मिली, जिससे कंपनी के मार्केट कैप से 125 बिलियन डॉलर साफ हो गए। यह टेस्ला के लिए सबसे बुरी गिरावटों में से एक रही।

Apple, Google की पैरेंट कंपनी Alphabet और NVIDIA के शेयरों में भी 5% तक की गिरावट आई। इन कंपनियों के निवेशक पहले ही अमेरिकी सरकार की नीतियों से परेशान थे, और जब इनकी तिमाही रिपोर्ट उम्मीद से कमजोर आई, तो बिकवाली और तेज हो गई।

उधर, Delta Airlines के शेयरों में 14% की गिरावट देखी गई। कंपनी ने अपनी पहली तिमाही की कमाई के अनुमानों को घटा दिया, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई।

क्या मंदी की आहट से डरे हैं निवेशक?

बाजार में गिरावट के बाद निवेशकों में मंदी को लेकर चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मंदी की आशंका को खारिज नहीं किया और इसे “संक्रमण काल” बताया। इस बयान के बाद निवेशकों की चिंता और बढ़ गई।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट केवल एक अस्थायी करेक्शन है और बाजार जल्दी ही रिकवरी कर सकता है। वहीं, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट एक बड़ी मंदी की शुरुआत हो सकती है। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है और उन्हें अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए।

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया क्या रही?

व्हाइट हाउस ने बाजार की गिरावट पर सफाई दी और कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब भी मजबूत बनी हुई है। नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के प्रमुख केविन हैसेट ने कहा कि कर कटौती और सरकारी नीतियों से जल्द ही स्थिति संभल जाएगी, लेकिन निवेशकों में अभी भी अस्थिरता बनी हुई है।

अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का भारत पर क्या असर पड़ेगा?

अमेरिकी बाजार की गिरावट का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा। पहले से ही विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितता के कारण भारतीय बाजार दबाव में है।

आईटी और फार्मा सेक्टर अमेरिकी बाजार से सीधे जुड़े हुए हैं, इसलिए इन सेक्टरों में भारी अस्थिरता देखने को मिल सकती है। अगर अमेरिकी बाजार में मंदी आती है, तो भारतीय आईटी कंपनियों की कमाई पर असर पड़ेगा। दूसरी ओर, फार्मा सेक्टर पर भी दबाव रहेगा क्योंकि भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर हैं।

विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी पर असर पड़ेगा। हालांकि, घरेलू कंपनियों और उपभोक्ता आधारित उद्योगों पर इसका प्रभाव कम होगा।

अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बाजार में भारी अस्थिरता के बीच सतर्क रहने की जरूरत है। अगर निवेशक लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण रखते हैं, तो यह गिरावट उनके लिए खरीदारी का एक अच्छा मौका भी हो सकती है। उन्हें उन सेक्टरों पर ध्यान देना चाहिए जो अमेरिकी मंदी से कम प्रभावित होंगे, जैसे कि उपभोक्ता आधारित कंपनियां और बैंकिंग सेक्टर।

आईटी और फार्मा सेक्टर में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इन सेक्टरों पर अमेरिकी बाजार का सीधा प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, अगर कोई निवेशक लॉन्ग-टर्म में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो उन्हें मजबूत कंपनियों में धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए।

अमेरिकी शेयर बाजार की गिरावट ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। टैरिफ विवाद, मंदी की आशंका और टेक शेयरों की गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। भारतीय बाजार पर भी इसका असर देखने को मिलेगा, लेकिन अगर निवेशक सही रणनीति अपनाते हैं, तो इस अस्थिरता में भी मुनाफे के मौके तलाश सकते हैं।

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