Share Market Breaking: शुक्रवार की सुबह घरेलू शेयर बाजार के लिए बिल्कुल भी शुभ संकेत लेकर नहीं आई। जैसे ही बाजार खुला, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों गिरावट के साथ ट्रेड करने लगे। इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत को लेकर दिया गया टैरिफ संबंधी बयान। उनका यह एलान भारतीय बाजार के लिए झटका बनकर सामने आया है।
गुरुवार को भी ट्रंप के इसी बयान का असर बाजार पर देखा गया था और शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन बाजार की चाल बिगड़ी रही। ट्रेडिंग की शुरुआत होते ही सेंसेक्स 509.54 अंक गिरकर 75,785.82 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 146.05 अंक फिसलकर 23,104.05 के स्तर पर आ गया। यही नहीं, रुपए में भी हल्की मजबूती देखने को मिली और यह डॉलर के मुकाबले 31 पैसे मजबूत होकर 84.99 पर पहुंच गया।
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अमेरिका के टैरिफ एलान से मचा बवाल

ट्रंप ने भारत सहित कुछ देशों पर टैरिफ बढ़ाने का बयान दिया, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बनने की आशंका पैदा हो गई है। इस टैरिफ विवाद का असर सिर्फ अमेरिका और भारत पर ही नहीं, बल्कि एशिया से लेकर यूरोप तक के शेयर बाजारों पर साफ नजर आ रहा है।
शेयर बाजार के जानकार मानते हैं कि जब भी ट्रेड वॉर जैसी खबरें सामने आती हैं, सबसे पहले असर निवेशकों के भरोसे पर पड़ता है। यही वजह है कि भारत में भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है और कई दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बिकवाली देखी गई है। खासकर मेटल, ऑयल एंड गैस सेक्टर को तगड़ा झटका लगा है।
Share Market Breaking: बाजार में गिरावट का पूरा हाल

शुक्रवार सुबह बीएसई का सेंसेक्स 591.05 अंकों की गिरावट के साथ 75,704.31 पर आ गया। वहीं एनएसई का निफ्टी 202.55 अंक गिरकर 23,047.55 पर पहुंच गया। यह गिरावट महज कुछ ही घंटों में दर्ज की गई, जिससे पता चलता है कि बाजार में डर का माहौल बना हुआ है।
किसे हुआ नुकसान, कौन रहा फायदे में?

सेंसेक्स के 30 में से कई शेयर नुकसान में नजर आए। इनमें टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी, इंडसइंड बैंक, इंफोसिस, एचसीएल टेक, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा और सन फार्मा शामिल हैं। इन सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई।
दूसरी ओर कुछ कंपनियां ऐसी भी रहीं जिन्होंने बाजार के दबाव के बावजूद मजबूती दिखाई। इनमें एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, नेस्ले इंडिया और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयर हरे निशान में कारोबार करते दिखे।
इंटरनेशनल मार्केट्स का हाल
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो एशियाई शेयर बाजार भी अमेरिकी टैरिफ के असर से नहीं बच पाए। टोक्यो का निक्केई इंडेक्स तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट में कारोबार कर रहा था, जबकि सियोल का कोस्पी इंडेक्स करीब दो फीसदी तक नीचे चला गया। शंघाई और हांगकांग के बाजार किंगमिंग त्योहार के चलते बंद रहे, लेकिन अमेरिका के बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। ये गिरावट 2020 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है।
बीते दिन का बाजार कैसा रहा?
गुरुवार को भी घरेलू शेयर बाजार कमजोर बना रहा था। सेंसेक्स 322.08 अंकों की गिरावट के साथ 76,295.36 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 82.25 अंक गिरकर 23,250.10 पर बंद हुआ था। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने उस दिन 2,806 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 221.47 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, लेकिन यह बाजार को संभालने के लिए नाकाफी रहा।
क्या आगे भी जारी रहेगी गिरावट?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या बाजार की यह गिरावट यहीं थमेगी या आने वाले दिनों में और तेज होगी? इस पर जानकारों की राय बंटी हुई है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब तक टैरिफ विवाद का हल नहीं निकलता और वैश्विक स्तर पर स्थिरता नहीं आती, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा।
दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और यह गिरावट अस्थायी है। लेकिन फिलहाल के लिए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
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