Share Market News: 2 अप्रैल को शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल! कितना प्रभावित होगा भारतीय बाजार?

Share Market News: 2 अप्रैल को शेयर बाजार में भूचाल आने की आशंका जताई जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दिन एक बड़ी घोषणा करने वाले हैं, जिसमें कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने की संभावना है। इससे दुनियाभर के बाजारों में हड़कंप मच सकता है। अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, इसलिए सवाल उठता है कि क्या भारतीय बाजार इस झटके को झेलने के लिए तैयार है?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को बड़ा धमाका करने वाले हैं। वह घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए नए टैक्स लगाने की घोषणा कर सकते हैं, जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर तेज हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो भारत समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ेगा। यह कदम अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव होगा। भारत भी इस फैसले से प्रभावित हो सकता है, क्योंकि अमेरिका भारतीय सामान का एक बड़ा खरीदार है।

ट्रंप के इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य उन देशों के साथ व्यापार को संतुलित करना है जो अमेरिका से ज्यादा निर्यात करते हैं। इस घोषणा के बाद यह देखना होगा कि भारत पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा और क्या भारतीय बाजार पहले से इसके लिए तैयार है या नहीं।

Share Market News किन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर?

अगर अमेरिका भारत पर नए टैरिफ लगाता है तो इससे कई सेक्टर्स प्रभावित हो सकते हैं। खासकर ऑटोमोबाइल, फार्मा और टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है।

1. ऑटोमोबाइल सेक्टर

भारत से अमेरिका को बड़ी मात्रा में ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट किए जाते हैं। अगर अमेरिका इन पर टैरिफ बढ़ाता है तो भारत की कंपनियों को भारी नुकसान होगा। भारत फोर्ज, मदरसन सुमी और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा।

2. फार्मा सेक्टर

भारत अमेरिका को हर साल लगभग 8 अरब डॉलर की दवाइयां निर्यात करता है। अगर इस पर टैक्स लगता है तो भारतीय दवा कंपनियों का मुनाफा घट सकता है। सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज और ल्यूपिन जैसी कंपनियों को इसका सीधा नुकसान होगा।

3. टेक्सटाइल सेक्टर

भारत के टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर को पहले से ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। अगर अमेरिका ने भारतीय कपड़ों पर टैरिफ बढ़ाया तो इस सेक्टर को और ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

4. IT सेक्टर

हालांकि, IT सेक्टर पर इस फैसले का ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि भारतीय IT कंपनियां ज्यादातर सर्विस बेस्ड बिजनेस करती हैं। फिर भी अगर अमेरिका ट्रेड पॉलिसी में कोई बड़ा बदलाव करता है तो अप्रत्यक्ष रूप से IT इंडस्ट्री को भी झटका लग सकता है।

शेयर बाजार की प्रतिक्रिया

शेयर बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी तक बाजार में इस मुद्दे को लेकर ज्यादा हलचल नहीं दिख रही है। लेकिन अगर टैरिफ की घोषणा होती है, तो बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है।

आनंद राठी वेल्थ के डायरेक्टर चेतन शेनॉय ने कहा, “भारतीय बाजार फिलहाल RBI की पॉलिसी और कंपनियों की कमाई पर ध्यान दे रहा है। लेकिन अगर अमेरिका नए टैक्स लगाता है तो IT और फार्मा सेक्टर पर दबाव आ सकता है।”

Ventura के हेड ऑफ रिसर्च, विनीत बोलिंजकर ने कहा, “अगर यह कदम सिर्फ दिखाने के लिए है और सीमित स्तर पर है, तो बाजार जल्दी ही इस झटके को झेल लेगा। लेकिन अगर यह एक बड़े ट्रेड वॉर का हिस्सा बना, तो भारतीय बाजार को भारी नुकसान हो सकता है।”

भारत की तैयारियां और संभावित उपाय

भारत को इस संकट से बचाने के लिए कुछ उपायों की जरूरत है।

  1. नए बाजारों की तलाश: भारत को अपने एक्सपोर्ट को डायवर्सिफाई करने की जरूरत है। यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में नए व्यापारिक अवसर तलाशने होंगे।
  2. घरेलू बाजार को मजबूत करना: अगर ग्लोबल ट्रेड में मुश्किलें आती हैं, तो भारत को अपने घरेलू बाजार पर ज्यादा ध्यान देना होगा। सरकार को लोकल इंडस्ट्री को प्रमोट करने के लिए नई नीतियां बनानी होंगी।
  3. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा: भारत को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में तेजी से काम करना होगा ताकि वह अमेरिका पर कम निर्भर रहे।
  4. विदेशी निवेश आकर्षित करना: भारत को विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए बेहतर व्यापारिक माहौल तैयार करना होगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

नतीजा क्या होगा?

अमेरिकी टैरिफ नीति भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा टेस्ट साबित हो सकती है। अगर भारत सही रणनीति अपनाता है, तो इस संकट से बाहर निकला जा सकता है। हालांकि, अल्पकालिक रूप से बाजार में हलचल जरूर देखने को मिलेगी।

लेकिन एक अच्छी बात यह भी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से घरेलू मांग पर आधारित है। RBI की नीतियां स्थिर हैं, विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत है और सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़े स्तर पर खर्च कर रही है। इन सभी वजहों से भारत को इस ग्लोबल संकट से बचने में मदद मिल सकती है।

अब देखना होगा कि 2 अप्रैल को ट्रंप क्या फैसला लेते हैं और इसका भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ता है। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

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