Grammy Awards 2025: भारतीय-अमेरिकी गायिका और उद्यमी चंद्रिका टंडन ने अपने एल्बम ‘त्रिवेणी’ के लिए ग्रैमी पुरस्कार जीत लिया है। उन्हें यह सम्मान बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट या चैंट एल्बम श्रेणी में मिला। रविवार को लॉस एंजिल्स के क्रिप्टो डॉट कॉम एरिना में हुए 67वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में यह घोषणा की गई। इस बड़ी उपलब्धि के बाद चंद्रिका टंडन ने अपनी खुशी जाहिर की और इसे अपने जीवन का बेहद खास पल बताया। उनका यह अवॉर्ड न केवल उनके संगीत करियर की अहम उपलब्धि है, बल्कि भारतीय संगीत के लिए भी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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Grammy Awards 2025
चंद्रिका टंडन की बड़ी जीत, ग्रैमी जीतकर जाहिर की खुशी
चंद्रिका टंडन सिर्फ एक मशहूर गायिका ही नहीं, बल्कि एक वैश्विक बिजनेस लीडर भी हैं। वह पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूयी की बड़ी बहन हैं। इस पुरस्कार को उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी बांसुरी वादक वाउटर केलरमैन और जापानी सेलो वादक इरु मात्सुमोतो के साथ साझा किया। चेन्नई में पली-बढ़ी इस संगीतकार ने ग्रैमी जीतने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह एक अद्भुत अनुभव है, जो मुझे शब्दों में बयां करना मुश्किल लग रहा है।
यह पुरस्कार जीतने के बाद, चंद्रिका ने अपने संगीत को लेकर अपनी सोच और दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा कि संगीत का उनका सफर शांतिपूर्ण आत्म-आविष्कार और अद्वितीयता की ओर था। उनका उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर लाना और उसे एक नया रूप देना था। इस ग्रैमी अवॉर्ड ने उनके उस सपने को साकार किया।
ग्रैमी अवॉर्ड्स में कड़ी टक्कर, इन कलाकारों को भी किया गया था नामांकित
इस श्रेणी में जीतना आसान नहीं था, क्योंकि कई बड़े कलाकार नामांकित थे। इस कैटेगरी में रिकी केज का ‘ब्रेक ऑफ डॉन’, रयूची सकामोटो का ‘ओपस’, अनुष्का शंकर का ‘चैप्टर 2: हाउ डार्क इट इज बिफोर डॉन’ और राधिका वेकारिया का ‘वॉरियर्स ऑफ लाइट’ भी नामांकित थे। चंद्रिका टंडन ने कहा, “यह हमारे लिए बेहद खास पल है। इतने प्रतिभाशाली कलाकारों के बीच इस पुरस्कार को जीतना मेरे लिए गर्व की बात है।” इस कड़ी टक्कर में चंद्रिका ने जो हासिल किया, वह निश्चित रूप से संगीत की दुनिया में एक मील का पत्थर है।
दूसरी बार ग्रैमी में नामांकन, पहली जीत
चंद्रिका टंडन का यह दूसरा ग्रैमी नामांकन था। इससे पहले 2009 में ‘सोल कॉल’ के लिए वह नामांकित हुई थीं, लेकिन उस समय उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिल सका था। इस बार उन्होंने न केवल ग्रैमी में अपनी जगह बनाई, बल्कि अवॉर्ड भी अपने नाम किया। उन्होंने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, “संगीत प्रेम है, संगीत प्रकाश है, संगीत हंसी है। मैं चाहती हूं कि हम सब प्रेम, प्रकाश और हंसी से घिरे रहें। यह अवॉर्ड सभी संगीत प्रेमियों के लिए है।” यह उनके लिए एक व्यक्तिगत जीत के साथ-साथ भारतीय संगीत के लिए भी एक बड़ा क्षण था।
‘त्रिवेणी’ एल्बम में हैं सात गाने
30 अगस्त, 2024 को रिलीज हुए एल्बम ‘त्रिवेणी’ में कुल सात गाने शामिल हैं। इनमें “पाथवे टू लाइट”, “चेंट इन ए”, “जर्नी विदिन”, “एथर सेरेनेड”, “एंशिएंट मून”, “ओपन स्काई” और “सीकिंग शक्ति” जैसे ट्रैक शामिल हैं। इस एल्बम में भारतीय शास्त्रीय संगीत, वैश्विक संगीत और आध्यात्मिक धुनों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। ‘त्रिवेणी’ को दुनियाभर में काफी सराहना मिली और अब ग्रैमी अवॉर्ड ने इसे एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
चंद्रिका के इस एल्बम ने न केवल उन्हें एक नया संगीत आयाम दिया, बल्कि उनके इस संगीत सफर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के महत्व को फिर से वैश्विक मंच पर उजागर किया। ‘त्रिवेणी’ में हर गीत अपने आप में एक अलग अनुभव है, जो सुनने वाले को एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाता है।
चंद्रिका टंडन का संगीत जगत में योगदान
चंद्रिका टंडन ने हमेशा भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर लाने का प्रयास किया है। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत और आध्यात्मिक धुनों को आधुनिक अंदाज में पेश करने के लिए जानी जाती हैं। उनके संगीत की विशेषता यह है कि वह संगीत के हर रूप को अपने अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत करती हैं।
उनका मानना है कि संगीत एक विश्वव्यापी भाषा है, जो हर दिल को छूने की ताकत रखता है। उनकी यह विचारधारा उनके संगीत में साफ झलकती है। वह हमेशा से ही संगीत को एक आध्यात्मिक अनुभव के रूप में देखती आई हैं, और उनका उद्देश्य लोगों को उस अनुभव से जोड़ना था।
क्या आगे भी ग्रैमी में नामांकन होगा?
अब जब चंद्रिका टंडन को ग्रैमी मिल चुका है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह आगे भी इस मंच पर अपनी छाप छोड़ेंगी। उनके संगीत करियर की यह उपलब्धि उनके लिए एक नया अध्याय खोल सकती है। भारतीय संगीत को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली इस जीत पर संगीत प्रेमी भी बेहद खुश हैं।
चंद्रिका टंडन ने साबित कर दिया कि भारतीय संगीत को दुनिया भर में पहचान दिलाने का सपना सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि एक साकारात्मक यात्रा है। उनके लिए यह ग्रैमी सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि भारतीय संगीत की शक्ति और उसकी खूबसूरती को विश्व मंच पर मान्यता मिलने का प्रतीक है।
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