Mahakumbh Pavitra Magh Poornima: महाकुंभ में बुधवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही माघी पूर्णिमा का अमृत स्नान शुरू हो गया। मंगलवार रात से ही संगम तट श्रद्धालुओं से भर गया था, और सुबह होते-होते भीड़ और ज्यादा बढ़ गई। हर तरफ आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, दूर-दूर से आए श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य लाभ ले रहे हैं। यह विशेष अवसर माघ पूर्णिमा पर होने वाले स्नान का एक अनूठा अनुभव है, जब श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर मोक्ष की कामना करते हैं।
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Mahakumbh Pavitra Magh Poornima
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, संगम तट पर गूंजे धार्मिक जयकारे
माघी पूर्णिमा पर संगम तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक हो गई कि चारों ओर हर-हर गंगे, जय श्रीराम, और हरि बोल के जयकारे गूंजने लगे। यह नजारा भक्तिभाव और श्रद्धा से भरा हुआ था। देशभर से आए श्रद्धालुओं के अलावा, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों से भी लोग महाकुंभ में शामिल होने आए हैं।
श्रद्धालुओं ने सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद गंगा जल से भगवान शिव, श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की। इसके साथ ही संगम तट पर स्थित कई मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और आरती का आयोजन किया गया। यह दिन उन भक्तों के लिए और भी खास होता है जो पूर्णिमा के दिन संगम स्नान कर दान-पुण्य करना चाहते हैं।
प्रशासन ने किए कड़े इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र और शहर में यातायात को नियंत्रित करने के लिए नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। स्नान घाटों तक श्रद्धालुओं को आसानी से पहुंचाने के लिए विशेष मार्ग तैयार किए गए हैं और डायवर्जन लागू किया गया है ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।
सुरक्षा के लिहाज से भी महाकुंभ क्षेत्र में सख्ती बढ़ा दी गई है। पुलिस, अर्धसैनिक बल और एनडीआरएफ की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। संगम तट और आसपास के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि भीड़ की निगरानी की जा सके। स्नान घाटों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है।
माघ पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं।
माघ मास को धर्म और तपस्या का महीना माना जाता है। इस मास में संगम स्नान का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि कुंभ मेले का आयोजन इसी दौरान होता है। इस बार महाकुंभ के संयोग में माघ पूर्णिमा का महत्व और बढ़ गया है। यही वजह है कि संगम तट पर लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
उत्साह में कोई कमी नहीं, भीड़ लगातार बढ़ रही है
महाकुंभ जैसे-जैसे अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है, श्रद्धालुओं की आस्था और भी मजबूत होती जा रही है। हर दिन करोड़ों लोग संगम में स्नान कर रहे हैं और माघ पूर्णिमा के दिन यह संख्या कई गुना बढ़ने की संभावना है। स्नान के लिए संगम मार्ग पर इतनी भीड़ थी कि हर तरफ केवल श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे। प्रशासन ने इसके लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक है कि कहीं-कहीं लंबा इंतजार भी करना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र के नासिक से आए श्रद्धालु अमित और उनका परिवार इस अनुभव से बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने बताया, “पहले सोचा था कि जब भीड़ कम होगी तब आएंगे, लेकिन ऐसा कोई मौका नजर ही नहीं आया। इसलिए अब देर न करते हुए महाकुंभ पहुंच गए। यह अनुभव अविस्मरणीय है।”
वहीं, आगरा से आए रामवीर का कहना है, “माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ में आना अपने आप में सौभाग्य की बात है। इतने सालों बाद यह मौका मिला है और महाकुंभ के दौरान ग्रहों की स्थिति भी शुभ मानी जा रही है। इसलिए भीड़ से घबराने का सवाल ही नहीं उठता, महाकुंभ में तो भीड़ होना ही चाहिए।”
45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना
महाकुंभ में अब तक करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं और प्रशासन के अनुसार, इस बार आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 45 करोड़ के पार जा सकता है। यह संख्या अब तक के सबसे बड़े कुंभ मेले से भी अधिक होगी। श्रद्धालुओं की संख्या को ट्रैक करने के लिए हाईटेक उपकरणों और AI-बेस्ड कैमरों का उपयोग किया जा रहा है।
भक्तों की श्रद्धा के आगे दूरी और भीड़ कोई बाधा नहीं
महाकुंभ में आस्था के आगे दूरी और भीड़ कोई मायने नहीं रखती। लोग लंबा सफर तय करके यहां पहुंच रहे हैं, कई श्रद्धालु पैदल यात्रा करके भी इस पवित्र अवसर का हिस्सा बन रहे हैं। कई लोग परिवार समेत आए हैं, तो कई संत-महात्मा और साधु भी विशेष रूप से इस स्नान का हिस्सा बनने पहुंचे हैं।
Mahakumbh Pavitra Magh Poornima आ गया हैं और अब महाकुंभ अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही। हर कोई चाहता है कि वह इस ऐतिहासिक और पवित्र अवसर का हिस्सा बने और संगम में डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य करे। महाकुंभ का यह महापर्व आस्था, विश्वास और आध्यात्मिकता का संगम बन चुका है, और आने वाले दिनों में यह भीड़ और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
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