Mahakumbh 2025: प्रयागराज रेलवे ने श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच कड़े प्रबंधन उपायों की घोषणा की, जानिए क्या है पूरी योजना? 

Mahakumbh 2025 के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की सुगमता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज रेलवे ने अभूतपूर्व प्रबंधन योजना का ऐलान किया है। जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की संयुक्त बैठक के बाद लिए गए निर्णयों में प्रयागराज संगम स्टेशन का अस्थायी बंद होना, एकतरफा यातायात व्यवस्था और सुरक्षा के विशेष इंतजाम शामिल हैं। इन कदमों को “आस्था और व्यवस्था के बीच संतुलन” बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि यह योजना पिछले महाकुंभों के अनुभवों और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। 

प्रयागराज रेलवे स्टेशन: 5 दिनों के लिए बंद, यात्रियों के लिए अलर्ट

महाकुंभ के दौरान संगम तट पर होने वाले शाही स्नानों के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी का अनुमान है। इसी को देखते हुए प्रयागराज संगम स्टेशन को 9 फरवरी 2025, दोपहर 1:30 बजे से 14 फरवरी 2025, आधी रात तक पूरी तरह बंद रखने का फैसला लिया गया है। रेलवे प्रवक्ता राजीव मल्होत्रा ने स्पष्ट किया, “यह बंदी केवल यात्री आवाजाही के लिए है। ट्रेनों का परिचालन प्रभावित नहीं होगा, लेकिन कोई भी यात्री इस स्टेशन पर न तो प्रवेश कर पाएगा और न ही निकासी।” 

इस दौरान सभी श्रद्धालुओं को प्रयागराज जंक्शन को प्राथमिक पड़ाव के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में जंक्शन के बंद होने की बात की जा रही है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। जंक्शन 24×7 पूरी क्षमता के साथ संचालित होगा।

जंक्शन पर ‘एकतरफा यातायात योजना

प्रयागराज जंक्शन पर इस बार “एकतरफा प्रवेश-निकास व्यवस्था” लागू की गई है, जिसका उद्देश्य भीड़ के दबाव को विभाजित करना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके तहत: 

1. प्रवेश: सिटी साइड से सभी यात्रियों को केवल प्लेटफॉर्म नंबर 1 से ही स्टेशन में प्रवेश मिलेगा। 

2. निकास: सिविल लाइंस साइड के प्लेटफॉर्म नंबर 6 और 10 से यात्रियों को बाहर निकाला जाएगा। 

3. आरक्षित यात्री: गेट नंबर 5 से विशेष प्रवेश दिया जाएगा। 

4. नॉन-आरक्षित यात्री: ट्रेन के प्रस्थान समय से 30 मिनट पहले तक स्टेशन में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। 

रेलवे अधिकारी अखिलेश यादव ने कहा, “यह व्यवस्था 2019 और 2023 के कुंभ मेले के दौरान सफल रही थी। श्रद्धालुओं को भ्रम से बचाने के लिए हमने पिछली योजना को ही अपग्रेड किया है।” उन्होंने आगे बताया कि स्टेशन के अंदर डिजिटल स्क्रीन और एनाउंसमेंट के जरिए यात्रियों को रियल-टाइम अपडेट दिए जाएंगे। 

Mahakumbh 2025 भीड़ को 7 पॉइंट्स में बांटा गया

Mahakumbh 2025

प्रयागराज संगम स्टेशन के बंद होने से उपजे दबाव को कम करने के लिए आसपास के 7 स्टेशनों—प्रयागराज छिवकी, नैनी, सूबेदारगंज, रामबाग, फफामऊ, प्रयाग और झूसी— को पूरी क्षमता के साथ सक्रिय रखा गया है। रेलवे ने इन स्टेशनों से “कैप्चर ट्रेनों” का संचालन शुरू किया है, जो श्रद्धालुओं को समयबद्ध तरीके से उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगी।

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “इन ट्रेनों को विशेष रूप से महाकुंभ के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनमें अतिरिक्त सीटें, जलपान की सुविधा और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “कैप्चर ट्रेनों” का शेड्यूल श्रद्धालुओं के स्नान समय के अनुसार तैयार किया गया है, ताकि वे बिना देरी के संगम तट पहुंच सकें। 

RPF का सख्ती अभियान

महाकुंभ के दौरान सुरक्षा को लेकर रेलवे प्रशासन ने “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के 500 से अधिक जवानों को प्रयागराज जंक्शन और आसपास के स्टेशनों पर तैनात किया गया है। इनकी जिम्मेदारी में भीड़ नियंत्रण, चोरी-छिनैती रोकथाम और महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा शामिल है। 

RPF कमांडर विजय शुक्ला ने कहा, “हमने सीसीटीवी कैमरों की संख्या दोगुनी कर दी है। ड्रोन्स के जरिए भीड़ की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “भीड़ में अफवाह फैलाने या गलत दिशा-निर्देश देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” 

रंग-बिरंगे शेल्टर और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी 

प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों की सुविधा के लिए रंग-कोडेड शेल्टर जोन बनाए गए हैं। इनका रंग यात्रियों के गंतव्य स्टेशन के अनुसार तय किया गया है। उदाहरण के लिए: 

  • नीला जोन: दिल्ली-मुंबई जाने वालों के लिए 
  • हरा जोन: पूर्वी भारत के यात्रियों के लिए 
  • पीला जोन: दक्षिण भारत के यात्रियों के लिए 

प्रत्येक जोन में अस्थायी टिकट काउंटर, शुद्ध पेयजल, शौचालय और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, स्टेशन के बाहर 300 ऑटो-रिक्शा, 50 शटल बसें और 100 इलेक्ट्रिक वाहनों को तैनात किया गया है, ताकि श्रद्धालु आसानी से संगम तट पहुंच सकें। 

श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन्स: ‘समय से पहले पहुंचें, अफवाहों से बचें’

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी ट्रेन के प्रस्थान समय से कम से कम 2-3 घंटे पहले स्टेशन पहुंचें। इसका कारण बताते हुए रेलवे मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “सुरक्षा जांच, टिकट वेरिफिकेशन और भीड़ प्रबंधन में समय लग सकता है। समय पर पहुंचकर यात्री तनाव मुक्त यात्रा कर सकते हैं।

साथ ही, यात्रियों को सलाह दी गई है कि:

1. रेलवे के ऐप और एसएमएस अलर्ट पर निर्भर रहें। 

2. स्टेशन पर लगे “गतिविधि निर्देश” के अनुसार चलें। 

3. अनावश्यक सामान साथ न लाएं। 

4. पुलिस या RPF से सहायता मांगने में संकोच न करें। 

प्रशासन का बड़ा बयान

महाकुंभ की व्यवस्था पर प्रयागराज के जिलाधिकारी राहुल रंजन ने कहा, “यह आयोजन सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है। हमारी कोशिश है कि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से स्नान कर सकें और वापस अपने घरों को लौट सकें।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “Mahakumbh 2025 की व्यवस्था भारत की लॉजिस्टिक क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगी।” 

धार्मिक नेताओं ने भी इन उपायों का स्वागत किया है। अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत हरिगिरी ने कहा, “प्रशासन ने साधु-संतों और श्रद्धालुओं की चिंताओं को समझा है। शाही स्नान के दौरान भीड़ नियंत्रण अब एक चुनौती नहीं रहेगी।” 

Mahakumbh 2025 न केवल आध्यात्मिक बल्कि प्रबंधन की दृष्टि से भी एक मिसाल कायम करने की ओर अग्रसर है। प्रयागराज रेलवे के इन कदमों ने साबित कर दिया है कि “विश्व के सबसे बड़े मानव समागम” को सुचारू रूप से चलाने के लिए तकनीक, अनुभव और जनसहयोग का त्रिकोण जरूरी है। जैसा कि एक श्रद्धालु ने कहा, “यहां हर बूंद गंगा की पवित्र है, और हर कदम सुरक्षित होना चाहिए।

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