Trump Tariff News: टैरिफ पर ट्रंप का यू-टर्न, चीन का तंज  ‘बाघ की गर्दन की घंटी वही खोले, जिसने बांधी है’

Trump Tariff News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर टैरिफ के मुद्दे पर अपने पुराने रुख से पलटते हुए नज़र आए हैं। पहले ये खबर सामने आई थी कि अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को टैरिफ से छूट देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें स्मार्टफोन, लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे प्रोडक्ट्स शामिल थे। इसी के बाद माना जा रहा था कि अमेरिका चीन को इस मोर्चे पर थोड़ी राहत देने जा रहा है। लेकिन इस घोषणा के कुछ ही देर बाद खुद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर साफ कर दिया कि चीन को कोई छूट नहीं दी जा रही है।

ट्रंप ने कहा कि हम किसी भी देश को व्यापारिक संतुलन के नाम पर छूट देने के पक्ष में नहीं हैं, और चीन को तो बिल्कुल भी नहीं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स पर लगे 20% टैरिफ को लेकर कहा कि ये लागू रहेगा और भविष्य में इस पर और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फेक न्यूज मीडिया जानबूझकर इन बातों को छिपा रही है और जनता को भ्रम में डाल रही है।

चीन पर सीधा निशाना, कहा- सबसे खराब व्यवहार किया है हमारे साथ

ट्रंप का यह बयान सीधे तौर पर चीन के लिए एक स्पष्ट संदेश है। उन्होंने यह दोहराया कि अमेरिका के खिलाफ चीन का व्यवहार हमेशा से व्यापार के मोर्चे पर अनुचित और पक्षपाती रहा है। ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा कि चीन ने अब तक अमेरिका के साथ सबसे बुरा व्यवहार किया है। उन्होंने लिखा कि “हमने शुक्रवार को कोई टैरिफ छूट की घोषणा नहीं की। फेक न्यूज कुछ और ही दिखा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि सभी इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स अभी भी टैरिफ के अधीन हैं।”

ट्रंप ने यह भी साफ किया कि आने वाले समय में सेमीकंडक्टर से जुड़े उत्पादों और पूरी इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई चेन पर राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत जांच की जाएगी और उसी के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

व्हाइट हाउस के सलाहकार ने भी दी सफाई

व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर ने ट्रंप की बात को दोहराते हुए स्पष्ट किया कि यह छूट नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की बात हो रही है, वे पहले से ही चीन, मैक्सिको और कनाडा पर लगे 20% फेंटेनाइल टैरिफ के तहत आते हैं। ट्रंप सरकार ने यह टैरिफ अवैध ड्रग्स तस्करी के कारण लगाया था और इसे किसी भी तरह से वापस लेने का कोई इरादा नहीं है।

मिलर के अनुसार, इन उत्पादों को सिर्फ एक अलग टैरिफ श्रेणी में रखा जाएगा ताकि भविष्य में उन पर अधिक सटीक और प्रभावी शुल्क लागू किया जा सके। इस बयान से यह भी साफ हुआ कि प्रशासन किसी भी तरह की छूट देने के मूड में नहीं है, बल्कि चीन पर दबाव बनाए रखने की रणनीति जारी रहेगी।

एप्पल और डेल जैसी कंपनियों को झटका

इस घटनाक्रम का सीधा असर उन अमेरिकी कंपनियों पर पड़ा है जो चीन से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आयात करती हैं। जैसे ही यह खबर सामने आई कि कुछ उत्पादों को टैरिफ से छूट मिल सकती है, एप्पल और डेल जैसी कंपनियों के लिए यह एक राहत की बात मानी गई थी। लेकिन ट्रंप के बयान ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

इन कंपनियों का बड़ा हिस्सा चीन से कंपोनेंट्स मंगवाता है और अगर इन पर टैरिफ बढ़ाया जाता है तो इनके प्रोडक्शन कॉस्ट पर सीधा असर पड़ेगा। इसके साथ ही बाजार में इन प्रोडक्ट्स के दाम भी बढ़ सकते हैं। इससे आम उपभोक्ता पर भी आर्थिक दबाव पड़ेगा।

हालांकि, ट्रंप सरकार का रुख साफ है कि जब तक चीन व्यापार के मोर्चे पर अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, तब तक किसी भी तरह की छूट का सवाल ही नहीं उठता।

Trump Tariff News: चीन का जवाब तंज के साथ चेतावनी

अमेरिका की इस नई नीति पर चीन की प्रतिक्रिया भी देर नहीं लगी। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने न सिर्फ अमेरिका की आलोचना की बल्कि एक पुरानी कहावत के जरिए तंज भी कसा। चीन ने कहा कि “बाघ की गर्दन पर बंधी घंटी को वही खोल सकता है जिसने उसे बांधा है।” इस बयान से चीन ने ये संकेत देने की कोशिश की कि मौजूदा व्यापार युद्ध की शुरुआत अमेरिका ने की थी और अगर समाधान चाहिए तो शुरुआत भी उसी को करनी होगी।

चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका में चीनी उत्पादों पर दी गई किसी भी तरह की टैरिफ छूट का मूल्यांकन किया जा रहा है। चीन ने अमेरिका से अपील की है कि वो अपने फैसलों में पारदर्शिता रखे और अनावश्यक दबाव की राजनीति न करे।

इस तंज भरे बयान के पीछे चीन की यह रणनीति मानी जा रही है कि वह अब सीधे टकराव से बचते हुए कूटनीतिक तरीके से जवाब देने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, अंदरूनी तौर पर चीन भी इस बात से चिंतित है कि यदि अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में नई टैरिफ रणनीति लागू करता है तो उसका असर चीन के एक्सपोर्ट सेक्टर पर जरूर पड़ेगा।

दो महीने में नए टैरिफ की होगी घोषणा

व्हाइट हाउस और सीमा शुल्क विभाग दोनों ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले दो महीनों में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े खास प्रोडक्ट्स पर अलग से टैरिफ लगाया जाएगा। वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भी इस बात की पुष्टि की है।

इस घोषणा के बाद यह साफ हो गया है कि अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार हितों को देखते हुए चीन पर किसी भी तरह की ढील देने को तैयार नहीं है। आने वाले हफ्तों में इस पर और बड़े फैसले सामने आ सकते हैं।

इन्हें भी पढें!