SBI Home Loan News: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने होम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. अब SBI से होम लोन लेना पहले से सस्ता हो गया है क्योंकि बैंक ने अपनी लेंडिंग रेट्स यानी कर्ज पर ब्याज दरों में कटौती की है. यह कटौती भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कमी के बाद की गई है, जो सीधे तौर पर होम लोन समेत कई तरह के फ्लोटिंग रेट लोन की EMI को प्रभावित करेगी. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब महंगाई और आवास की बढ़ती कीमतों के बीच लोग अपने घर के लिए फाइनेंस का रास्ता तलाश रहे हैं.
SBI की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, बैंक ने अपनी एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट (EBR) को घटाकर अब 8.65 प्रतिशत कर दिया है. यही वह दर है जिसके आधार पर बैंक अपने रिटेल ग्राहकों को फ्लोटिंग रेट लोन जैसे कि होम लोन और MSME लोन देता है. इस कटौती के बाद अब ग्राहकों की EMI पहले से कम हो जाएगी, यानी लोन की किश्त चुकाना थोड़ा आसान हो जाएगा.
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SBI Home Loan News: क्या सस्ता हुआ है?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से लेंडिंग रेट्स में की गई इस कटौती का सबसे बड़ा असर उन ग्राहकों पर होगा जिन्होंने बैंक से फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिया हुआ है या लेने की योजना बना रहे हैं. EBR में की गई इस कमी के चलते ग्राहकों को अब पहले से कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा. खास बात ये है कि यह बदलाव 15 अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है, यानी नए और पुराने दोनों तरह के लोन ग्राहकों को इसका फायदा मिलेगा.
यह ध्यान देने वाली बात है कि SBI की लेंडिंग रेट्स में यह कटौती भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में की गई 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद हुई है. RBI के इस कदम का उद्देश्य देश में कर्ज को सस्ता बनाना और आर्थिक गतिविधियों को गति देना है. SBI ने इस बदलाव के जरिए उन ग्राहकों को राहत दी है जो अपने लिए घर खरीदने की सोच रहे हैं लेकिन बढ़ती ब्याज दरों के कारण फैसला नहीं ले पा रहे थे.
EBR और उसकी गणना कैसे होती है?
SBI की एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट यानी EBR दो भागों से मिलकर बनती है. पहला हिस्सा होता है रिजर्व बैंक का रेपो रेट और दूसरा हिस्सा होता है बैंक द्वारा तय किया गया स्प्रेड. इस समय RBI का रेपो रेट 6.00 प्रतिशत है और SBI ने अपने स्प्रेड को 2.65 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. दोनों को जोड़ने पर EBR बनती है जो अब कुल मिलाकर 8.65 प्रतिशत हो गई है. यानी ग्राहक अब इसी दर के आधार पर फ्लोटिंग रेट पर लोन ले पाएंगे.
EBR में कटौती का सीधा असर उन सभी लोन पर पड़ता है जो इस रेट से जुड़े होते हैं, जैसे होम लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन और MSME लोन. इस कदम से इन सभी लोन की EMI में राहत मिलने की उम्मीद है.
MCLR में नहीं हुआ कोई बदलाव
हालांकि SBI ने EBR में कटौती की है, लेकिन बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट यानी MCLR में कोई बदलाव नहीं किया गया है. MCLR उस दर को कहते हैं जिस पर बैंक अपने पुराने फिक्स्ड रेट लोन देते हैं. SBI की मौजूदा MCLR दरें इस प्रकार हैं — ओवरनाइट और एक महीने के लिए 8.20 प्रतिशत, तीन महीने के लिए 8.55 प्रतिशत, छह महीने के लिए 8.90 प्रतिशत, एक साल के लिए 9.00 प्रतिशत, दो साल के लिए 9.05 प्रतिशत और तीन साल के लिए 9.10 प्रतिशत. ये दरें फिलहाल स्थिर हैं और इस पर बैंक की ओर से कोई कटौती नहीं की गई है.
इसका मतलब यह है कि जिन ग्राहकों का लोन MCLR से जुड़ा हुआ है, उन्हें ब्याज दर में किसी भी तरह की राहत नहीं मिलेगी. ऐसे ग्राहक अगर चाहें तो बैंक से बात कर अपने लोन को फ्लोटिंग रेट यानी EBR पर शिफ्ट करा सकते हैं ताकि उन्हें भी नई दरों का लाभ मिल सके.
होम लोन पर कितना ब्याज देना होगा?
SBI की नई होम लोन दरें ग्राहक के CIBIL स्कोर पर निर्भर करती हैं. अगर किसी ग्राहक का क्रेडिट स्कोर बेहतर है, तो उसे कम ब्याज पर लोन मिलेगा. बैंक की मौजूदा ब्याज दरें 8.00 प्रतिशत से शुरू होकर 8.95 प्रतिशत तक जाती हैं. वहीं अगर कोई ग्राहक SBI Maxgain ओवरड्राफ्ट होम लोन स्कीम का विकल्प चुनता है, तो उस पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत से लेकर 9.15 प्रतिशत तक हो सकती है.
इसके अलावा, जो ग्राहक पहले से लोन ले चुके हैं और अब उस पर टॉप-अप लोन लेना चाहते हैं, उन्हें 8.30 प्रतिशत से लेकर 10.80 प्रतिशत तक की ब्याज दर चुकानी होगी. ये सभी नई दरें 15 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गई हैं.
कब से लागू होंगी नई दरें?
SBI की तरफ से ब्याज दरों में की गई ये कटौती 15 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है. यानी अगर आप इस तारीख के बाद होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं या पहले से लिए गए लोन की EMI दे रहे हैं, तो नई दरों का लाभ मिलना शुरू हो गया है.
SBI का यह कदम ऐसे समय में आया है जब देशभर में आवासीय प्रॉपर्टी की मांग बढ़ रही है और लोग होम लोन की ब्याज दरों में राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे. बैंक की इस रेट कटौती से होम लोन लेना आसान और किफायती हो गया है.
क्या यह आपके लिए सही समय है होम लोन लेने का?
अगर आप भी नया घर लेने की सोच रहे हैं और फाइनेंस का प्लान बना रहे हैं, तो यह वक्त आपके लिए बेहतर हो सकता है. SBI की ब्याज दरों में कटौती का फायदा सीधे आपकी EMI पर पड़ेगा. कम ब्याज दरों का मतलब होता है कि आप लोन की अवधि में लाखों रुपये की बचत कर सकते हैं. इसके अलावा यदि आपका CIBIL स्कोर अच्छा है, तो आपको और कम दर पर लोन मिलने की संभावना रहती है.
कुल मिलाकर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की यह घोषणा होम लोन ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है. आने वाले समय में अगर RBI फिर से रेपो रेट में कटौती करता है, तो अन्य बैंक भी इसी तरह की घोषणा कर सकते हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले महीनों में होम लोन की दुनिया में और राहत मिल सकती है.
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