Home Loan, Car Loan होंगे और भी सस्ते, आज RBI कर सकता है रेपो रेट में कटौती का ऐलान – जानिए पूरी खबर

अगर आप Home Loan, Car Loan या पर्सनल लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर सामने आ सकती है। आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग का आखिरी दिन है और उम्मीद की जा रही है कि इसमें रेपो रेट को लेकर बड़ा फैसला लिया जाएगा। माना जा रहा है कि रेपो रेट में 0.25% से लेकर 0.50% तक की कटौती की जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो आम जनता को लोन की ब्याज दरों में बड़ी राहत मिलेगी और EMI में सीधा फर्क दिखेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा आज सुबह 10 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे और MPC की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे। रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया गया तो इसका असर सीधे तौर पर बैंकों की लेंडिंग रेट्स पर पड़ेगा। बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते ब्याज दरों पर लोन देना शुरू कर देंगे। इस वजह से होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन जैसी सेवाएं लेने वाले उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

रेपो रेट घटा तो सीधे सस्ते होंगे लोन

रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक अब आरबीआई से सस्ती दर पर कर्ज ले सकेंगे। जब बैंकों की लोन लेने की लागत कम होगी, तो वह ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर लोन देंगे। इससे लोन की EMI घटेगी और हर महीने की जेब पर पड़ने वाला बोझ थोड़ा कम होगा।

अगर आपके ऊपर पहले से कोई होम लोन चल रहा है, तो हो सकता है आपकी मौजूदा EMI भी कम हो जाए। वहीं, जो लोग अभी लोन लेने का विचार कर रहे हैं, उनके लिए यह एक बेहतर मौका साबित हो सकता है। खासकर रियल एस्टेट मार्केट में इससे डिमांड बढ़ सकती है, क्योंकि घर खरीदना EMI कम होने के कारण थोड़ा आसान हो जाएगा।

Home Loan और Car Loan की EMI घटी तो जेब पर पड़ेगा कम बोझ

देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिनकी आमदनी सीमित है और हर महीने लोन की EMI एक बड़ा हिस्सा ले लेती है। रेपो रेट में कटौती होने से EMI में कमी आ सकती है, जिससे लोगों की मंथली सेविंग बढ़ेगी। इससे मिडल क्लास और लोअर मिडल क्लास परिवारों को सीधी राहत मिलेगी।

मान लीजिए आपकी EMI अभी ₹25,000 प्रति माह है और रेपो रेट में 0.50% की कटौती होती है, तो यह EMI कुछ सौ रुपये से लेकर ₹1000-₹1500 तक कम हो सकती है (यह बैंक की पॉलिसी और आपके लोन टर्म्स पर निर्भर करेगा)। इस तरह सालभर में आप ₹10,000-₹15,000 तक की बचत कर सकते हैं।

क्या होता है रेपो रेट

आसान भाषा में समझें तो रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बाकी बैंकों को कर्ज देता है। यानी बैंक जब फंड की कमी महसूस करते हैं तो वे आरबीआई से पैसे लेते हैं और उस पर एक निश्चित ब्याज चुकाते हैं, जिसे रेपो रेट कहा जाता है।

अब जब यह दर कम हो जाती है, तो बैंक को सस्ती दर पर पैसे मिलते हैं और वह इसका फायदा अपने ग्राहकों को देते हैं। यानी बैंक लोन की ब्याज दरें घटा देते हैं जिससे ग्राहक कम ब्याज पर लोन ले पाते हैं।

लगातार दूसरी बार घट सकता है रेपो रेट

अगर आज RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती होती है तो यह लगातार दूसरी बार होगा जब केंद्रीय बैंक ने इस दर में बदलाव किया हो। इससे पहले फरवरी 2025 में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी और इसे 6.50% से घटाकर 6.25% किया गया था।

इससे पहले रेपो रेट में आखिरी कटौती जून 2023 से पहले हुई थी, जब ब्याज दर को बढ़ाकर 6.5% किया गया था। उसके बाद लंबे समय तक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ। लेकिन महंगाई दर को कंट्रोल में लाने और बाजार में नकदी का संतुलन बनाए रखने के लिए RBI ने फरवरी 2025 में एक बार फिर कदम उठाया।

लोन लेने वालों के लिए क्यों फायदेमंद है ये फैसला

रेपो रेट में कटौती से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होता है जो फ्लोटिंग रेट पर लोन लेते हैं। फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज दरें रेपो रेट से जुड़ी होती हैं। जैसे ही रेपो रेट कम होता है, वैसे ही आपकी लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है। इससे EMI कम होती है।

इसके अलावा, ऑटो सेक्टर और रियल एस्टेट सेक्टर को भी इससे फायदा होता है। जब कार लोन और होम लोन सस्ते होते हैं, तो ज्यादा लोग गाड़ियां और घर खरीदने की तरफ रुख करते हैं, जिससे इन सेक्टरों में मांग बढ़ती है।

बैंक भी कर सकते हैं ब्याज दरों की समीक्षा

अगर आरबीआई रेपो रेट कम करता है, तो इसके कुछ दिनों के भीतर अधिकांश बैंक भी अपनी लेंडिंग रेट्स की समीक्षा करते हैं। SBI, HDFC, ICICI, Axis जैसे बड़े बैंक सबसे पहले रेट घटाने की घोषणा करते हैं। इसके बाद छोटे बैंक और NBFC भी अपने-अपने ब्याज दरों में कटौती करते हैं।

हालांकि कुछ बैंकों को इसके लिए अपने बोर्ड की मंजूरी लेनी होती है, इसलिए रेट कट का असर ग्राहकों तक पहुंचने में 7 से 15 दिन का वक्त भी लग सकता है। लेकिन अंत में ग्राहकों को इसका लाभ जरूर मिलता है।

निवेश और सेविंग्स पर क्या होगा असर

एक तरफ जहां रेपो रेट कम होने से लोन सस्ते होते हैं, वहीं दूसरी ओर फिक्स डिपॉजिट (FD) और सेविंग अकाउंट की ब्याज दरों में भी गिरावट आ सकती है। बैंक जब कम ब्याज दर पर लोन देंगे, तो वे अपने डिपॉजिटर्स को भी कम ब्याज देने की कोशिश करते हैं ताकि उनका मार्जिन बना रहे।

इसलिए जिन लोगों की प्राथमिकता सेविंग्स और ब्याज कमाई है, उन्हें निवेश के विकल्पों पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है। अगर आज RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो ये लोन लेने वाले लोगों के लिए काफी राहत भरा कदम होगा। EMI घटेगी, मासिक बजट पर बोझ कम होगा और रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को भी नई रफ्तार मिलेगी।

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