Gold Silver Price Update: भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। इस बीच, भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल देखा गया है। बुधवार को सोने की कीमत ₹1000 बढ़कर ₹1,00,750 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जिससे यह एक लाख रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। चांदी भी ₹98,940 प्रति किलोग्राम के करीब पहुंच रही है, जो पिछले कुछ महीनों में एक नया उचाई है। इस वृद्धि के पीछे कारण केवल अंतरराष्ट्रीय बाजार नहीं बल्कि सीमा पर बढ़ते तनाव और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव की स्थिति भी है।
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Gold Silver Price Update: दिल्ली में सोना ₹1,00,750 प्रति 10 ग्राम पर
दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत ₹1000 उछलकर ₹1,00,750 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। मंगलवार को इसका भाव ₹99,750 था। इस कीमत में बढ़ोतरी का मुख्य कारण सोने की बढ़ती मांग है, खासकर जब से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की खबरें आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में ये बढ़ोतरी निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने की बढ़ी हुई खरीदारी के कारण हुई है।
सेना की कार्रवाई के बाद बाजार में हलचल
बुधवार सुबह भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध लेते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर ठिकाना और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके बेस भी शामिल था। इस सैन्य कार्रवाई के बाद, बाजार में अस्थिरता और चहलकदमी बढ़ी। जब भी सीमा पर तनाव बढ़ता है, तब निवेशक सोने जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं। यही कारण है कि सोने की कीमतें उछलने लगीं।
निवेशक कभी भी ऐसा समय नहीं चूकते, जब अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के कारण जोखिम बढ़ जाते हैं। इस दौरान लोग अपनी पूंजी को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करते हैं, और सोना सबसे पहले इन सुरक्षित विकल्पों में से एक होता है। यही कारण है कि इस समय सोने की कीमतें अचानक बढ़ी हैं।
99.5% शुद्धता वाला सोना भी रिकॉर्ड के करीब
99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत ₹1050 बढ़कर ₹1,00,350 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। मंगलवार को इसका भाव ₹99,300 था। इस बढ़ोतरी के बाद सोना अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया है। हालाँकि, यह बढ़ोतरी कोई नई बात नहीं है। इससे पहले, 22 अप्रैल को सोने की कीमत ₹1,01,600 प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची थी, जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की कीमत में तेजी आई थी। इस बढ़ोतरी से यह भी साबित होता है कि सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चलता रहता है, खासकर जब भू-राजनीतिक घटनाएं घटित होती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उच्चतम स्तर नहीं होगा और आने वाले समय में सोने की कीमतों में और भी बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर अगर अंतरराष्ट्रीय संकट और राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं।
चांदी के दाम में भी तेजी
चांदी की कीमतों में भी एकाएक वृद्धि देखी गई। चांदी ₹440 महंगी होकर ₹98,940 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। मंगलवार को इसका भाव ₹98,500 था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी के दाम थोड़े गिरे हैं, लेकिन भारत में इसकी मांग काफी स्थिर बनी हुई है। भारत में चांदी की कीमतों में यह बढ़ोतरी कुछ हद तक सोने के साथ-साथ देखी जा रही है, क्योंकि लोग दोनों धातुओं को सुरक्षित निवेश मानते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन भारत में चांदी की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, क्योंकि भारतीय बाजार में विभिन्न त्योहारी मौसमों और शादी-ब्याह के सीजन में चांदी की मांग अधिक रहती है। इसके अलावा, चांदी के आभूषण भी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा होते हैं, जिससे मांग लगातार बनी रहती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट, लेकिन भारत में मांग बरकरार
वैश्विक बाजार में बुधवार को स्पॉट गोल्ड 1.8% गिरकर $3,369.65 प्रति औंस पर आ गया। यह गिरावट अमेरिकी और चीन के बीच व्यापार वार्ता से बाजार में थोड़ी राहत आने के कारण आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजारों में यह राहत संकेत दे रही है कि अमेरिकी और चीन के बीच टकराव कम हो सकता है।
हालांकि, भारत में पाकिस्तान के साथ सीमा तनाव और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के अन्य मोर्चों पर तनाव बढ़ने के कारण सोने की मांग लगातार बनी हुई है। भारत में सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, और इस कारण से यहां सोने की कीमतें स्थिर रहती हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतार-चढ़ाव होते हैं। भारत में सोने के प्रति यह निरंतर और मजबूत मांग उसे अन्य बाजारों से अलग बनाती है।
विशेषज्ञों की राय: ‘सोना अभी भी सुरक्षित निवेश’
एबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा, “भले ही कुछ देशों में तनाव कम हो रहा हो, लेकिन भारत-पाक सीमा, मिडिल ईस्ट और यूक्रेन जैसे स्थानों पर स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। ऐसे में सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में अब भी सबसे भरोसेमंद विकल्प बनेगा।” उनका कहना है कि जब भी वैश्विक स्तर पर संकट बढ़ता है, तो सोना सबसे पहले उभर कर आता है और निवेशकों का ध्यान खींचता है।
भारत में सोने की बढ़ती मांग को देखकर यह भी अनुमान है कि अगले कुछ हफ्तों में सोने की कीमत और बढ़ सकती है। निवेशकों को अब तक यह स्थिति साफ हो चुकी है कि सोना केवल एक साधारण धातु नहीं है, बल्कि यह एक सुरक्षित निवेश है जो हमेशा संकट की घड़ी में अपनी कीमत बनाए रखता है।
फेडरल रिजर्व की बैठक पर टिकी बाजार की नजर
कोटक सिक्योरिटीज की कमोडिटी रिसर्च की एवीपी कयनत चैनवाला ने बताया कि अब बाजार की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक पर है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, फेड चेयर जेरोम पॉवेल के बयान से निवेशकों को दिशा मिल सकती है। अगर फेड ब्याज दरों में वृद्धि नहीं करता है, तो इससे सोने की कीमतों में और स्थिरता आ सकती है।
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