Gold Loan को लेकर RBI ने सख्त किए नियम, केवल इतनी ज्वेलरी पर ही मिलेगा कर्ज; धोखाधड़ी पर भी लगेगी लगाम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Gold Loan के नियमों में सख्ती बढ़ा दी है। अब केवल सीमित मात्रा में सोने की ज्वैलरी पर ही लोन मिलेगा। इसके साथ ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बुधवार को आरबीआई की तरफ से जारी मसौदे के अनुसार, अब एक ग्राहक अधिकतम एक किलोग्राम ज्वैलरी के बदले लोन ले सकेगा। इसके अलावा, सोने और चांदी दोनों के लिए यह नियम लागू होगा।

Gold Loan चोरी की स्थिति में क्या होगा?

गोल्ड लोन के नियमों के तहत, अगर किसी ग्राहक द्वारा गिरवी रखे गए सोने की चोरी हो जाती है, तो वित्तीय संस्था ग्राहक को इसकी जानकारी देगी और यह भी बताएगी कि चोरी हुए सोने की भरपाई कैसे की जाएगी। यह कदम ग्राहकों की सुरक्षा और उनकी चिंता को दूर करने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, लोन चुकता करने की तारीख के बाद दो साल तक अगर बैंक या वित्तीय संस्था के पास सोना रखा रह जाता है, तो वह सोने के बिना दावेदार के रूप में माना जाएगा। यह प्रक्रिया सोने की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

इस नई नीति का उद्देश्य ग्राहकों को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी गोल्ड लोन सेवा प्रदान करना है। कई बार सोने की चोरी या अन्य कारणों से ग्राहक की सुरक्षा में कमी आ जाती है, लेकिन अब आरबीआई की नीतियों से इस पर लगाम लगेगी।

सिक्के और सोने पर विशेष ध्यान

गोल्ड लोन के लिए जो नियम तय किए गए हैं, उनमें सबसे खास बात यह है कि सोने के सिक्के के बदले लोन लेने के लिए सिक्का कम से कम 22 कैरेट का होना चाहिए और वह बैंक से खरीदा गया होना चाहिए। अब, बाजार से खरीदे गए सोने के सिक्कों पर लोन नहीं दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गोल्ड लोन के बदले गिरवी रखे गए सोने की गुणवत्ता उच्च हो, ताकि वित्तीय संस्थाओं को कोई नुकसान न हो और ग्राहकों को सही मूल्य मिल सके।

गोल्ड लोन का चलन तेजी से बढ़ रहा है, और अधिकतर लोग इसे एक आसान तरीका मानते हैं अपनी तत्काल आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए। लेकिन, अब यह जरूरी हो गया है कि गोल्ड लोन लेने से पहले ग्राहक यह सुनिश्चित करें कि उनका सोना मानक के अनुरूप हो। यह कदम धोखाधड़ी और गलत प्रचार पर भी रोक लगाने का एक प्रयास है, ताकि सिर्फ अच्छे और प्रमाणित सोने का ही लोन लिया जा सके।

सात दिन में सोना वापस करना होगा

लोन का पूरा भुगतान करने के बाद, ग्राहक को गिरवी रखे गए सोने को सात दिनों के अंदर वापस करना अनिवार्य होगा। यह कदम वित्तीय संस्थाओं को ग्राहकों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी करने से रोकने के लिए उठाया गया है। अगर ग्राहक सात दिनों के भीतर सोना वापस नहीं करता है, तो वित्तीय संस्था प्रतिदिन 5000 रुपये का जुर्माना लगाएगी। इस प्रकार का जुर्माना ग्राहकों को समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और साथ ही इससे वित्तीय संस्थाओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

यह नियम इस बात को ध्यान में रखते हुए लाया गया है कि जो सोना गिरवी रखा गया है, उसे समय पर वापस किया जाए, ताकि वित्तीय संस्था के पास सुरक्षित संपत्ति हो और ग्राहक को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, यह नियम ग्राहकों को उनके लोन की समय सीमा के बारे में भी सतर्क करेगा।

धोखाधड़ी को रोकने के लिए कदम

आरबीआई ने मसौदे में लोन देने वाली वित्तीय संस्थाओं को ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी से बचने के लिए कई निर्देश दिए हैं। अब लोन लेने वाले ग्राहकों को उनकी भाषा में पूरी जानकारी दी जाएगी। अनपढ़ ग्राहकों को लोन की पूरी प्रक्रिया और शर्तों के बारे में स्पष्ट रूप से समझाना अनिवार्य होगा। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी ग्राहकों को उनके लोन के बारे में पूरी जानकारी हो और वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार न हों।

इसके साथ ही गोल्ड लोन के गलत प्रचार पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। कई बार गोल्ड लोन देने वाली संस्थाएं ग्राहकों को गलत जानकारी देती हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। अब इस दिशा में आरबीआई ने सख्त कदम उठाए हैं, ताकि ग्राहक सुरक्षित रहें और धोखाधड़ी से बच सकें।

गोल्ड लोन का बढ़ता चलन

गोल्ड लोन का चलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है और अब बड़े वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ छोटे-छोटे संस्थान भी इस कारोबार में शामिल हो गए हैं। यह लोन सिस्टम ग्राहकों के लिए एक आसान तरीका बन गया है अपनी जरूरी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए। लेकिन अब आरबीआई के नए नियमों के साथ इस क्षेत्र में और अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा आएगी, जिससे ग्राहकों को फायदा होगा और वित्तीय संस्थाओं को भी जोखिम कम होगा।

गोल्ड लोन को लेकर यह नए दिशा-निर्देश आरबीआई की ओर से एक बड़ा कदम हैं, जो न केवल ग्राहकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि इस उद्योग में धोखाधड़ी पर भी काबू पाएंगे। इन बदलावों से ग्राहकों को अधिक विश्वास मिलेगा और यह सुनिश्चित होगा कि गोल्ड लोन लेने के दौरान किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी न हो।

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