क्रिकेट प्रेमियों का इंतजार खत्म होने वाला है! Champions Trophy 2025 की शुरुआत बुधवार, 20 फरवरी से होने जा रही है। दुनिया की टॉप 8 टीमें इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बार चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन 8 साल बाद हो रहा है और यह खास हाइब्रिड मॉडल में खेला जाएगा। पाकिस्तान को मेजबानी मिली है, लेकिन भारत ने सुरक्षा कारणों से वहां खेलने से मना कर दिया, जिसके बाद आईसीसी ने भारत के सभी मैच दुबई में आयोजित करने का फैसला किया।
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Champions Trophy 2025 टीमें और टूर्नामेंट का फॉर्मेट
8 टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है:
- ग्रुप A: भारत, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश
- ग्रुप B: दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया
हर ग्रुप से टॉप 2 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी और फाइनल मुकाबला 9 मार्च को खेला जाएगा। अगर भारत फाइनल में पहुंचता है तो यह दुबई में खेला जाएगा, वरना फाइनल मुकाबला लाहौर में होगा।
भारत के लिए बड़ा मौका
भारतीय टीम का हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर आईसीसी ट्रॉफी जीती थी और अब 6 महीने के भीतर दूसरी आईसीसी ट्रॉफी जीतने का मौका है। आखिरी बार भारत ने 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और अब 12 साल बाद टीम इंडिया फिर से इस खिताब को अपने नाम करने के लिए तैयार है।
टीम के पास मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप और खतरनाक गेंदबाज हैं। कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के अलावा शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। वहीं, गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव भारत की ताकत होंगे।
क्या यह रोहित-कोहली का आखिरी वनडे टूर्नामेंट होगा?

इस टूर्नामेंट में सबकी नजरें रोहित शर्मा और विराट कोहली पर होंगी। दोनों दिग्गज अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं और जीत के साथ वनडे करियर को अलविदा कहना चाहेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारतीय वनडे टीम में इनकी जगह पक्की नहीं रहेगी। अगर इस टूर्नामेंट में इनका प्रदर्शन खराब रहा, तो टेस्ट टीम में भी इनके भविष्य पर असर पड़ सकता है।
वहीं, कोच गौतम गंभीर के लिए भी यह टूर्नामेंट बेहद अहम रहने वाला है। इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार को इतनी जल्दी भुलाया नहीं जा सकता। अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहा, तो गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठ सकते हैं।
दबाव से बचना होगा टीम इंडिया को
भारत ने 2013 के बाद से कोई भी वनडे आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है। हालांकि, टीम हर बार खिताब की दावेदार होती है, लेकिन आखिरी समय पर दबाव में आ जाती है। 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में भी यही हुआ, जब पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन के बावजूद फाइनल में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दबाव में आ गई और हार गई।
इस बार टीम इंडिया किसी भी तरह के दबाव से बचना चाहेगी और हर मुकाबले को फाइनल की तरह खेलना जरूरी होगा।
भारत-पाक महामुकाबले पर सबकी नजरें
टूर्नामेंट की शुरुआत 20 फरवरी को पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले से होगी। भारत का पहला मुकाबला 21 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ होगा। लेकिन सबसे बड़ा मैच 23 फरवरी को होगा, जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे।
आईसीसी टूर्नामेंटों में अब तक भारत का रिकॉर्ड पाकिस्तान के खिलाफ शानदार रहा है। लेकिन 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराकर ट्रॉफी जीत ली थी। इस बार भारतीय टीम उस हार का बदला चुकता करना चाहेगी।
ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के लिए बड़ी चुनौती
वनडे वर्ल्ड कप की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया टीम इस बार कई चोटिल खिलाड़ियों से जूझ रही है। उनके तीन प्रमुख तेज गेंदबाज पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड टीम का हिस्सा नहीं हैं। हालांकि, उनके पास मार्नस लाबुशेन, ट्रैविस हेड और डेविड वॉर्नर जैसे बल्लेबाज हैं, जो टीम को मजबूत बनाए रखते हैं।
इंग्लैंड की टीम भी फॉर्म और अनुभव की समस्या से जूझ रही है। जोस बटलर, जो रूट और लियाम लिविंगस्टोन पर टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी, लेकिन नए खिलाड़ी हैरी ब्रूक और बेन डकेट इंग्लैंड के लिए नया रास्ता बना सकते हैं।
न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका की उम्मीदें
न्यूजीलैंड की टीम अनुभवी तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी के संन्यास के बाद नई टीम के साथ उतरी है। कप्तान केन विलियमसन उनके सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी होंगे। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका ने 1998 के बाद से कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है। इस बार वह अपना सूखा खत्म करना चाहेगी।
अफगानिस्तान और बांग्लादेश की चुनौती
अफगानिस्तान अब किसी भी टीम को हराने की काबिलियत रखती है। राशिद खान, अजमतुल्लाह उमरजई और रहमानुल्लाह गुरबाज जैसे मैच विनर उनके पास हैं। वहीं, बांग्लादेश की टीम भी किसी उलटफेर से कम नहीं है। उन्होंने 2007 वनडे वर्ल्ड कप में बड़ा उलटफेर किया था और इस बार भी कुछ नया करने की कोशिश करेगी।
क्या इस बार भारत का इंतजार खत्म होगा?
भारत के लिए यह टूर्नामेंट सिर्फ एक और ट्रॉफी जीतने का नहीं, बल्कि 12 साल के लंबे इंतजार को खत्म करने का मौका है। भारतीय टीम पर इस बार जबरदस्त दबाव होगा, लेकिन अगर टीम संयोजन सही रहा और खिलाड़ी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर रहे, तो भारत के लिए ट्रॉफी जीतना मुश्किल नहीं होगा।
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