New Delhi Railway Station पर शनिवार रात भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर हुआ, जहां भारी भीड़ जमा थी। बताया जा रहा है कि प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण यात्रियों की संख्या बढ़ गई थी। स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष प्रबंधन नहीं था, जिसके चलते भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
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कैसे हुई भगदड़ ? चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी
शनिवार को अवकाश होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने पहुंचे थे। सामान्य दिनों की तुलना में स्टेशन पर भीड़ कई गुना अधिक थी। हालांकि, सुरक्षा के नाम पर वहां केवल कुछ पुलिसकर्मी और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवान मौजूद थे, जो भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रहे।
चश्मदीदों के मुताबिक, वाराणसी जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस पहले से प्लेटफॉर्म पर खड़ी थी, जिससे वहां पहले ही यात्री मौजूद थे। दूसरी ओर, प्रयागराज जाने वाली दो अन्य ट्रेनों के देरी से चलने के कारण यात्री प्लेटफॉर्म पर ही रुके रहे। स्टेशन पर जगह कम पड़ने लगी और यात्री आगे बढ़ने के लिए एक-दूसरे को धक्का देने लगे। इसी बीच, अचानक भगदड़ मच गई और कुछ लोग नीचे गिर पड़े, जिन्हें भीड़ ने कुचल दिया।
घटना के वक्त New Delhi Railway Station पर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे। भगदड़ के दौरान कई महिलाओं और बच्चों को गंभीर चोटें आईं। कुछ यात्रियों ने मदद की गुहार लगाई, लेकिन स्थिति इतनी बेकाबू थी कि कोई किसी की मदद नहीं कर सका।
मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल
लोकनायक अस्पताल ने पुष्टि की है कि मृतकों में 10 महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं। 15 लोगों की मौत लोकनायक अस्पताल में हुई, जबकि तीन अन्य ने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ा। इसके अलावा, 12 घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखा गया है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने लिया जायजा, उच्चस्तरीय जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार रेलवे स्टेशन पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं और यह पता लगाने को कहा है कि स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त प्रबंधन क्यों नहीं किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
New Delhi Railway Station से घायलों को अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी
भगदड़ के तुरंत बाद रेलवे पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सूचना दी गई, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई। लोकनायक अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में घायलों को भर्ती कराया गया, लेकिन एंबुलेंस कम होने के कारण कई लोगों को निजी वाहनों और ऑटो-रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया गया।
स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि घायलों की संख्या इतनी अधिक थी कि उन्हें स्ट्रेचर भी नहीं मिल पा रहे थे। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों को गोद में उठाकर अस्पताल की ओर भागे।
New Delhi Railway Station हादसे की मुख्य वजहें

- रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी।
- तीन ट्रेनों के देरी से चलने के कारण प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की संख्या बढ़ गई।
- जनरल टिकटों की बिक्री बिना किसी रोक-टोक के जारी रही, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई।
- सीढ़ियों और प्लेटफॉर्म के पास यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं थी।
रेल मंत्री बोले- स्थिति नियंत्रण में, विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर बताया कि “New Delhi Railway Station पर स्थिति अब नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मोर्चा संभाल लिया है। घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है और भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।”
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि भगदड़ से बचने के लिए पहले ही ट्रेनों का संचालन तेज किया जा रहा था, लेकिन अचानक बढ़ी भीड़ के कारण हालात बिगड़ गए। अब स्थिति सामान्य करने के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं ताकि यात्रियों का दबाव कम किया जा सके।
उपराज्यपाल ने कहा- सभी अस्पताल हाई अलर्ट पर
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं और घायलों को जल्द से जल्द बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
रेलवे का दावा- भीड़ बढ़ने से स्थिति बिगड़ी, चार विशेष ट्रेनें चलाईं
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि अचानक भीड़ बढ़ने के कारण प्लेटफार्मों पर अव्यवस्था हो गई। उन्होंने किसी भी ट्रेन को रद्द किए जाने की खबर को गलत बताया और कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चार विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं, जिससे अब भीड़ काफी कम हो गई है।
सरकार ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
केंद्र सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे, दिल्ली पुलिस और प्रशासन मिलकर मामले की विस्तृत जांच करेंगे और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
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