lower home loan EMI: घर लेना हर मिडिल क्लास फैमिली का सपना होता है। लेकिन जब ये सपना हकीकत में बदलने लगता है, तो सबसे पहले बात आती है फाइनेंस की। और फिर बात आती है होम लोन की, जो एक लंबे समय का कमिटमेंट होता है। हर महीने की EMI यानी मासिक किस्त, लोगों की आमदनी का बड़ा हिस्सा खा जाती है। कई बार तो ऐसा होता है कि EMI भरते-भरते बाकी खर्चों के लिए पैसे ही नहीं बचते।
अगर आप भी होम लोन ले चुके हैं या फिर लेने का प्लान बना रहे हैं, तो इस आर्टिकल में बताए गए कुछ आसान और प्रैक्टिकल तरीकों से आप EMI का बोझ थोड़ा हल्का कर सकते हैं। ये तरीके न सिर्फ पैसे की बचत में मदद करेंगे, बल्कि लोन जल्दी चुकता करने में भी सहायक होंगे।
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डाउन पेमेंट ज्यादा करेंगे, तो EMI में राहत मिलेगी
जब भी आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक या लेंडर आपकी प्रॉपर्टी की कुल कीमत का एक हिस्सा फाइनेंस करता है। बाकी हिस्सा डाउन पेमेंट के रूप में आपको खुद से देना होता है। यहीं पर आपकी EMI को कंट्रोल करने का पहला मौका होता है।
जितना ज्यादा आप डाउन पेमेंट देंगे, उतनी ही कम रकम लोन में शामिल होगी। इससे EMI भी कम बनेगी और लोन की कुल अवधि भी छोटी हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आप 40 लाख रुपये के घर के लिए 10 लाख रुपये का डाउन पेमेंट करते हैं, तो लोन की राशि सिर्फ 30 लाख रह जाती है। अब उस पर ब्याज भी कम लगेगा और EMI भी कुछ हद तक कंट्रोल में रहेगी।
lower home loan EMI: थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा मिला?
होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है। इसमें कई बार ऐसा मौका आता है जब आपके पास एक्स्ट्रा इनकम होती है—जैसे बोनस, टैक्स रिफंड या कोई इन्वेस्टमेंट रिटर्न। ऐसे मौकों पर अगर आप उस पैसे को खर्च करने की बजाय होम लोन में प्री-पेमेंट कर दें, तो आपको भविष्य में काफी फायदा हो सकता है।
प्री-पेमेंट करने से लोन का प्रिंसिपल अमाउंट कम हो जाता है। इसका मतलब EMI में भी फर्क पड़ता है और लोन की अवधि भी घट सकती है। इससे आपकी टोटल ब्याज पेमेंट भी कम होगी और आप जल्दी कर्ज से मुक्त हो सकते हैं।
लोन ट्रांसफर करना भी समझदारी है
बाजार में बहुत सारे बैंक और लेंडिंग कंपनियां हैं जो होम लोन ऑफर करती हैं। हो सकता है कि जब आपने लोन लिया था तब ब्याज दरें ज्यादा थीं, लेकिन अब कुछ लेंडर्स सस्ते ब्याज पर लोन दे रहे हों। ऐसे में आप अपने होम लोन को एक दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं।
इसे होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कहा जाता है। अगर आपने समय पर अपनी EMI भरी है और आपका CIBIL स्कोर अच्छा है, तो नया बैंक आपको कम ब्याज दर पर लोन दे सकता है। हां, ट्रांसफर कराने से पहले प्रोसेसिंग फीस, डॉक्युमेंटेशन चार्ज और फोरक्लोजर चार्ज जैसी चीजें जरूर चेक कर लें, ताकि ट्रांसफर से आपको सच में फायदा हो।
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी है तो उसका पूरा फायदा लें
कुछ बैंक ऐसे होते हैं जो होम लोन पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी देते हैं। इस सुविधा में आपको एक ओवरड्राफ्ट अकाउंट दिया जाता है, जो आपके होम लोन अकाउंट से लिंक होता है। आप इस अकाउंट में EMI से अलग कोई भी अतिरिक्त रकम जमा कर सकते हैं। इसका फायदा ये होता है कि बैंक उस एक्स्ट्रा रकम को आपके लोन पर अप्लाई करता है।
इससे आपका इंटरेस्ट अमाउंट कम होता है और लोन जल्दी खत्म हो सकता है। यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा होता है जिनकी इनकम में समय-समय पर उतार-चढ़ाव आता रहता है या फिर जो सेविंग्स के पैसे से लोन खत्म करना चाहते हैं।
फ्लोटिंग रेट वाला लोन लें, फायदा हो सकता है
होम लोन लेते समय बैंक दो तरह के ब्याज दर विकल्प देते हैं—फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट। फिक्स्ड रेट में आपकी ब्याज दर तय रहती है, जबकि फ्लोटिंग रेट में ब्याज दर बाजार की स्थिति के हिसाब से घटती या बढ़ती रहती है।
अगर आप फ्लोटिंग रेट चुनते हैं और ब्याज दरें नीचे जाती हैं, तो आपकी EMI भी घट जाती है। इससे आपको हर महीने कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि, इसमें रिस्क ये होता है कि अगर ब्याज दरें बढ़ीं तो EMI भी बढ़ सकती है। लेकिन लंबे समय के नजरिए से देखा जाए तो फ्लोटिंग रेट वाले लोन अक्सर सस्ते पड़ते हैं।
थोड़ी प्लानिंग, और बहुत सी टेंशन कम
होम लोन एक जरूरी जरूरत बन चुकी है, लेकिन अगर आप थोड़ा स्मार्ट प्लान करें, तो इसे बिना तनाव के मैनेज किया जा सकता है। ऊपर बताए गए सभी तरीके — चाहे वो बड़ा डाउन पेमेंट हो या सही समय पर प्री-पेमेंट करना, या फिर लोन ट्रांसफर — सबका मकसद यही है कि आपकी EMI जितनी कम हो, उतना बेहतर।
जरूरत है सिर्फ जागरूक रहने की और सही फैसले समय पर लेने की। घर का सपना पूरा करना मुश्किल नहीं है, बस सही तरीके से लोन को मैनेज करना आना चाहिए।
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