Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नागार्जुन सागर प्रोजेक्ट की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान लगातार जारी है। यह हादसा 22 फरवरी को हुआ था, जब सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, और इंजीनियरों व मजदूरों समेत आठ लोग अंदर फंस गए। प्रशासन ने अब इस बचाव अभियान में रोबोट की मदद लेने का फैसला किया है ताकि राहत कार्य को और तेज किया जा सके।
सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने शनिवार को सुरंग स्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रोबोटिक तकनीक का उपयोग कर जल्द से जल्द बचाव कार्य को पूरा किया जाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और चार करोड़ रुपये तक की लागत से रोबोट विशेषज्ञों की सेवाएं ली जा रही हैं।
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टनल बोरिंग मशीन के टुकड़े बनी सबसे बड़ी बाधा
बचाव अभियान के दौरान सबसे बड़ी समस्या सुरंग के अंदर टूटे हुए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के टुकड़े बने हुए हैं। ये टुकड़े पानी और मिट्टी के साथ मिलकर रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध कर रहे हैं, जिससे राहत कर्मियों के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो गया है। टीबीएम के ये हिस्से बेहद भारी और जटिल संरचना वाले हैं, जिन्हें काटकर हटाने में काफी समय लग रहा है। इसी वजह से रोबोट की मदद से इन्हें हटाने का निर्णय लिया गया है ताकि बचाव दल को सुरक्षित रूप से सुरंग में प्रवेश करने का रास्ता मिल सके।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी कर चुके हैं दौरा
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने भी दो मार्च को सुरंग स्थल का दौरा किया था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बचाव अभियान को हर हाल में प्राथमिकता दी जाए और अगर जरूरत पड़े तो रोबोट की मदद ली जाए ताकि राहतकर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा था कि सरकार किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती और इस ऑपरेशन को पूरी गंभीरता से चलाया जा रहा है। रोबोट की मदद से बचाव कार्य को गति मिलेगी और इससे फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने में आसानी होगी।
एनडीआरएफ, सेना और नौसेना का संयुक्त ऑपरेशन जारी

सरकार ने इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों को भी शामिल किया है। विशेषज्ञ टीमें लगातार सुरंग के अंदर गाद और मलबा हटाने का काम कर रही हैं ताकि जल्द से जल्द फंसे लोगों तक पहुंचा जा सके।
इसके अलावा, केरल पुलिस का श्वान दस्ता भी इस ऑपरेशन में शामिल हुआ है। ये प्रशिक्षित कुत्ते लापता लोगों और शवों की पहचान करने में माहिर होते हैं। श्वान दस्ते ने सुरंग के अंदर दो स्थानों की पहचान की है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना है। अब बचाव कर्मी इन जगहों पर तेजी से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं।
सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध, जल्द मिल सकती है राहत
सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने इस हादसे को राष्ट्रीय आपदा करार दिया और कहा कि सरकार बचाव कार्य में लगे श्रमिकों, अधिकारियों और राहतकर्मियों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सरकार हर संभव संसाधन जुटा रही है और जल्द ही रोबोटिक तकनीक की मदद से बचाव अभियान को पूरा किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि यह एक कठिन ऑपरेशन है, लेकिन सरकार इसे सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने बचाव कार्य में लगे सभी अधिकारियों और राहतकर्मियों का आभार व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।
Telangana Tunnel Accident के बचाव अभियान के लिए हाईटेक तकनीक का उपयोग
बचाव कार्य को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए हाईटेक तकनीकों का भी सहारा लिया जा रहा है। सरकार ने हैदराबाद स्थित एक निजी कंपनी से रोबोट विशेषज्ञों की मदद लेने का फैसला किया है। इस रोबोट को सुरंग के अंदर भेजकर वहां की स्थिति का सही आकलन किया जाएगा और उसके बाद उसे कटिंग टूल्स से लैस करके मलबा हटाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि रोबोट तकनीक के उपयोग से बचाव कार्य की गति बढ़ेगी और किसी भी राहतकर्मी की जान को खतरा नहीं होगा।
आठ लोगों की जिंदगी बचाने के लिए दिन-रात जारी है प्रयास
एसएलबीसी सुरंग परियोजना में 22 फरवरी से फंसे आठ मजदूरों और इंजीनियरों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल दिन-रात काम कर रहे हैं। प्रशासन हर संभव उपाय कर रहा है ताकि जल्द से जल्द राहत मिले।
फंसे हुए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरंग में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है और बचाव दल नियमित रूप से संचार उपकरणों के जरिए उनकी स्थिति का आकलन कर रहा है।
तेलंगाना सुरंग हादसे के बाद सरकार और राहत एजेंसियां पूरी ताकत से बचाव कार्य में लगी हुई हैं। टनल बोरिंग मशीन के टुकड़ों और मलबे के कारण ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन रोबोट की मदद से इसे और तेज किया जाएगा। मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री लगातार इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं और जल्द से जल्द मजदूरों को सुरक्षित निकालने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले दिनों में बचाव अभियान और तेज होने की संभावना है।
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