जयपुर के जोहरी बाजार में : डकैतों के साथ हुई डकैती , जाने पूरा मामला……

डकैतों के साथ हुई डकैती – जी हाँ अपने बिलकुल सही पढ़ा इस ज़माने में भी इतने सीधे और बेवकूफ डकैत होते है आपको भी आश्चर्य होगा l जिसको भी इस खबर के बारे में मालूम चला सभी इसे डकैतों के साथ हुई डकैती कह रहा है तो ये न्यूज़ पुरे राजिस्थान में जंगल की आग की तरह फ़ैल गई l

जयपुर के जौहरी बाजार में डकैतों के होश उड़े..

जयपुर, राजस्थान। यह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है, लेकिन हकीकत में ऐसा ही एक वाकया राजस्थान के जयपुर स्थित जौहरी बाजार में सामने आया है, जिसने पूरे शहर को हैरत में डाल दिया है। एक ऐसी घटना जिसमें डकैतों को अपनी लूटी हुई सोने-चांदी और बहुमूल्य आभूषणों की असली कीमत का तब पता चला जब वे उन्हें औने-पौने दामों में बेच चुके थे। यह खबर अखबारों और सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गई, और हर कोई इसे किसी थ्रिलर फिल्म की तरह बता रहा है। और इसे डकैतों के साथ हुई डकैती कह रहा है l


घटना कहाँ हुई –

यह घटना जयपुर के जौहरी बाजार में रहने वाले व्यापारी ब्रजमोहन गांधी की दुकान पर घटी। ब्रजमोहन गांधी अपनी दुकान पर हर दिन की तरह अपने काम में लगे हुए थे। तभी कुछ लोग उनके पास सोना, चांदी और कुछ बेहद कीमती आभूषण लेकर आए। उनकी हाव-भाव से ही लग रहा था कि वे जल्दबाजी में हैं और माल को तुरंत बेचना चाहते हैं।


डकैतों के भोलेपन का फायदा

जब ब्रजमोहन गांधी ने उन बहुमूल्य वस्तुओं की जांच की, तो उन्होंने उन लोगों से कहा कि यह सोना 16-17 कैरेट से ज्यादा का नहीं है और इसका ज्यादा पैसा नहीं मिल पाएगा। डकैतों को सोने और आभूषणों की असली गुणवत्ता या कीमत का कोई अंदाजा नहीं था। शायद वे सिर्फ लूटे हुए माल को जल्द से जल्द ठिकाने लगाना चाहते थे और किसी भी तरह से पैसे प्राप्त करना चाहते थे।


एक लाख में निपटा लाखों का सौदा

ब्रजमोहन गांधी ने उन बहुमूल्य वस्तुओं के बदले में उन्हें एक लाख रुपये दिए। जिन लोगों ने यह सोना-चांदी और आभूषण लाए थे, वे वास्तव में डकैत थे। उन्होंने सोचा कि “कुछ नहीं से अच्छा है कि एक लाख रुपये ही सही।” डकैती का माल होने के कारण वे शायद पकड़े जाने के डर से जल्दी से जल्दी इसे बेचना चाहते थे और जो मिल रहा था उसी में खुश थे। उन्होंने एक लाख रुपये खुशी-खुशी ले लिए और आपस में बांट लिए। उन्हें लगा कि उन्होंने एक सफल सौदा कर लिया है।


डकैतों के साथ हुई डकैती : जब असली कीमत सुन डकैतों के होश उड़े

लेकिन उनकी यह खुशी अगले ही दिन काफूर हो गई। जब उन्होंने अखबारों और सोशल मीडिया पर उस आभूषण और सोने-चांदी की असली कीमत के बारे में सुना और पढ़ा, तो उनके होश उड़ गए। जिस सोने और आभूषण को उन्होंने एक लाख रुपये में बेच दिया था, उसकी असली कीमत कई गुना ज्यादा थी, संभवतः लाखों में। यह जानकारी मिलते ही उन्हें अपनी बेवकूफी और उस बड़ी रकम के नुकसान का एहसास हुआ जो उन्होंने अपनी अज्ञानता के कारण गंवा दी थी।


डकैतों को मिला सबक

यह घटना डकैतों के लिए एक कड़वा सबक थी और पूरे जौहरी बाजार के साथ-साथ आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि कैसे डकैतों ने अपनी ही लूट का इतना बड़ा नुकसान कर लिया। यह मामला इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि कई बार अपराधी अपनी जल्दबाजी और अज्ञानता के कारण अपनी ही योजनाओं को कैसे बर्बाद कर देते हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इन डकैतों को पकड़ा जाएगा।

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